Sp Academy
"Curiosity leads, knowledge truly empowers."

भारत का प्राचीन इतिहास (Ancient History of India in Hindi)

भारत का प्राचीन इतिहास अत्यंत समृद्ध और विस्तृत है। इसकी शुरुआत सिंधु घाटी सभ्यता (लगभग 2500 ईसा पूर्व) से मानी जाती है, जो विश्व की सबसे पुरानी और उन्नत सभ्यताओं में से एक थी। इस सभ्यता के प्रमुख नगर हड़प्पा और मोहनजोदड़ो थे, जहाँ विकसित नगर निर्माण, जल निकासी प्रणाली और लेखन प्रणाली देखी गई।

इसके बाद वैदिक काल (1500-600 ईसा पूर्व) आया, जिसमें आर्यों का आगमन हुआ और वेदों की रचना हुई। इस समय समाज चार वर्णों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र) में विभाजित था। धीरे-धीरे महाजनपद (600-300 ईसा पूर्व) अस्तित्व में आए, जिनमें मगध सबसे शक्तिशाली राज्य बना। इसी काल में महावीर स्वामी और गौतम बुद्ध ने अपने धर्मों का प्रचार किया।

इसके बाद मौर्य साम्राज्य (321-185 ईसा पूर्व) का उदय हुआ, जिसमें चंद्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक जैसे महान शासक हुए। अशोक ने बौद्ध धर्म को बढ़ावा दिया। मौर्यों के बाद गुप्त साम्राज्य (319-550 ईस्वी) आया, जिसे “स्वर्ण युग” कहा जाता है। इस काल में कला, विज्ञान और साहित्य का उत्कर्ष हुआ।

1. प्रागैतिहासिक काल (Prehistoric Period)

(क) पाषाण युग (Stone Age)

भारत में मानव जीवन की शुरुआत पाषाण युग में हुई। यह काल मुख्यतः तीन भागों में विभाजित किया जाता है:

  1. पुरापाषाण युग (Paleolithic Age) (लगभग 2.5 लाख ईसा पूर्व – 10,000 ईसा पूर्व)

    • मानव शिकारी और खाद्य संग्राहक थे।
    • गुफाओं में रहते थे और पत्थर के औजारों का उपयोग करते थे।
    • भीमबेटका (मध्य प्रदेश) की गुफाएँ इस युग की प्रमुख धरोहर हैं।
  2. मध्यपाषाण युग (Mesolithic Age) (10,000 ईसा पूर्व – 8,000 ईसा पूर्व)

    • छोटे और उन्नत पत्थर के औजारों (माइक्रोलिथ) का उपयोग।
    • कृषि और पशुपालन की शुरुआत।
  3. नवपाषाण युग (Neolithic Age) (8,000 ईसा पूर्व – 2,500 ईसा पूर्व)

    • कृषि, पशुपालन और स्थायी बस्तियों का विकास।
    • मिट्टी के बर्तनों और कपड़ों का निर्माण।
    • बुरजहोम (कश्मीर) और मेहरगढ़ (पाकिस्तान) इस युग के प्रमुख स्थल हैं।

2. सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) (3300 ईसा पूर्व – 1300 ईसा पूर्व)

यह भारत की पहली प्रमुख नगरीय सभ्यता थी, जिसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • हड़प्पा (पाकिस्तान), मोहनजोदड़ो (पाकिस्तान), धोलावीरा (गुजरात), राखीगढ़ी (हरियाणा) आदि प्रमुख स्थल।
  • योजनाबद्ध नगर, पक्के मकान, जल निकासी प्रणाली, बड़े स्नानागार और ग्रेनरी।
  • व्यापारिक संबंध, तांबा, कांस्य, सोना और मिट्टी की मूर्तियाँ।
  • मोहनजोदड़ो में पाई गई “नृत्य करती लड़की” की कांस्य मूर्ति।
  • लिपि अज्ञात, धर्म में प्रकृति पूजा, पशुपति महादेव की मूर्तियाँ।
  • लगभग 1500 ईसा पूर्व के आसपास यह सभ्यता खत्म हो गई।

    3. वैदिक काल (Vedic Period) (1500 ईसा पूर्व – 600 ईसा पूर्व)

इस काल को दो भागों में बांटा जाता है:

(क) ऋग्वैदिक काल (1500 ईसा पूर्व – 1000 ईसा पूर्व)

  • आर्यों का आगमन।
  • ऋग्वेद की रचना (सबसे प्राचीन ग्रंथ)।
  • घुमंतू जीवन, गोपालन एवं कृषि।
  • सभा और समिति जैसी राजनीतिक संस्थाएँ।

(ख) उत्तरवैदिक काल (1000 ईसा पूर्व – 600 ईसा पूर्व)

  • यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद की रचना।
  • महाजनपदों का उदय।
  • वर्ण व्यवस्था सख्त हुई।
  • लोहे के उपयोग से कृषि और युद्ध में विकास।


4. महाजनपद काल (Mahajanapada Period) (600 ईसा पूर्व – 321 ईसा पूर्व)

इस काल में 16 महाजनपदों का विकास हुआ।

प्रमुख महाजनपद:

  • मगध (सबसे शक्तिशाली)
  • कौशल
  • वज्जि
  • वत्स
  • अवंती
  • कुरु
  • पंचाल

मुख्य घटनाएँ:

  • गौतम बुद्ध और महावीर जैन का जन्म।
  • बौद्ध धर्म और जैन धर्म का उदय।
  • महाजनपदों में आपसी संघर्ष।


5. मौर्य साम्राज्य (Maurya Empire) (321 ईसा पूर्व – 185 ईसा पूर्व)

चंद्रगुप्त मौर्य ने मगध में मौर्य वंश की स्थापना की।

प्रमुख शासक:

  1. चंद्रगुप्त मौर्य (321-297 ईसा पूर्व)

    • सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस को हराया।
    • कौटिल्य (चाणक्य) के अर्थशास्त्र का योगदान।
    • पाटलिपुत्र (पटना) को राजधानी बनाया।
  2. बिंदुसार (297-273 ईसा पूर्व)

    • साम्राज्य विस्तार।
  3. अशोक (273-232 ईसा पूर्व)

    • कलिंग युद्ध (261 ईसा पूर्व) के बाद बौद्ध धर्म अपनाया।
    • शिलालेखों और स्तंभों का निर्माण।
    • धम्म नीति का प्रचार।

6. मौर्योत्तर काल (Post-Maurya Period) (185 ईसा पूर्व –319 ईस्वी)

इस काल में कई छोटे-छोटे राज्यों का विकास हुआ।

प्रमुख शासक एवं वंश:

  • शुंग वंश (185-73 ईसा पूर्व) – पुष्यमित्र शुंग
  • कण्व वंश (73-28 ईसा पूर्व)
  • सातवाहन वंश (लगभग 100 ईसा पूर्व – 200 ईस्वी) – दक्षिण भारत में प्रभावी।
  • कुषाण वंश (50-250 ईस्वी) – कनिष्क (बौद्ध धर्म का संरक्षण)।

    7. गुप्त साम्राज्य (Gupta Empire) (319-550 ईस्वी)

गुप्त काल को “भारत का स्वर्ण युग” कहा जाता है।

प्रमुख शासक:

  1. चंद्रगुप्त प्रथम (319-335 ईस्वी) – गुप्त साम्राज्य की स्थापना।
  2. समुद्रगुप्त (335-375 ईस्वी) – विजयी राजा।
  3. चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) (375-415 ईस्वी) – कला और विज्ञान का स्वर्ण युग।

महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ:

  • आर्यभट्ट और वराहमिहिर जैसे महान वैज्ञानिक।
  • नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना।
  • अजंता-एलोरा की गुफाओं का निर्माण।

    8. हर्षवर्धन और उत्तरकाल (Harshavardhan and Later Period) (606-647 ईस्वी)
  • हर्षवर्धन (पुष्यभूति वंश) ने उत्तर भारत में साम्राज्य स्थापित किया।
  • बौद्ध धर्म का प्रचार किया।
  • चीनी यात्री ह्वेनसांग भारत आया।
  • 647 ईस्वी के बाद भारत छोटे-छोटे राज्यों में बंट गया।


निष्कर्ष (Conclusion)
भारत का प्राचीन इतिहास एक समृद्ध और विकसित सभ्यता की कहानी कहता है। यहाँ सभ्यता की शुरुआत से लेकर महान साम्राज्यों का उत्थान और पतन हुआ। भारत की सांस्कृतिक विरासत, कला, विज्ञान और दर्शन ने पूरे विश्व को प्रभावित किया।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
सामान्य शॉर्टकट कुंजियाँ -General Shortcut Keys All social media Establish date with facts Solar System