“The History of Mount Everest: The Complete Tale of the Roof of the Earth”

माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) हिमालय पर्वतमाला में स्थित है और यह नेपाल और तिब्बत (चीन) की सीमा पर स्थित है। इसे नेपाली में ‘सागरमाथा’ और तिब्बती में ‘चोमोलुंग्मा’ कहा जाता है। इसकी आधिकारिक ऊँचाई 8,848.86 मीटर (29,031.7 फीट) है, जो 2020 में नेपाल और चीन की संयुक्त माप से तय की गई थी।
प्राचीन काल में स्थानीय जनजातियाँ एवरेस्ट को एक पवित्र पर्वत मानती थीं। तिब्बती नाम ‘चोमोलुंग्मा’ का अर्थ है “दुनिया की माँ देवी” और नेपाली नाम ‘सागरमाथा’ का अर्थ है “स्वर्ग का माथा”। हजारों वर्षों से इस पर्वत को पूजा जाता रहा है।
19वीं शताब्दी में ब्रिटिशों ने “Great Trigonometric Survey of India” नामक परियोजना शुरू की।
1852 में भारतीय गणितज्ञ राधानाथ सिकदर ने पहली बार माउंट एवरेस्ट को दुनिया की सबसे ऊँची चोटी के रूप में पहचाना।
1865 में ब्रिटिश सर्वेयर जनरल एंड्रयू वॉग ने इसका नाम “Mount Everest” रखा, अपने पूर्ववर्ती सर जॉर्ज एवरेस्ट के सम्मान में।
1921-1938: कई ब्रिटिश अभियान एवरेस्ट पर चढ़ने में असफल रहे।
29 मई 1953: सर एडमंड हिलारी (न्यूजीलैंड) और तेनजिंग नोर्गे (भारत/नेपाल) ने पहली बार माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की। यह एक ब्रिटिश अभियान का हिस्सा था।
1965: कप्तान अवतार सिंह चीमा एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पहले भारतीय बने। इस अभियान में कुल 9 भारतीयों ने चढ़ाई की।
1984: बचेंद्री पाल, माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली भारत की पहली महिला बनीं।
2013: अरुणिमा सिन्हा, कृत्रिम पैर के साथ एवरेस्ट पर चढ़ने वाली विश्व की पहली महिला बनीं।
आज माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहियों और साहसिक पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
परमिट शुल्क: नेपाल सरकार एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए परमिट देती है, जिससे करोड़ों की आय होती है।
चुनौतियाँ: अत्यधिक ऊंचाई, ऑक्सीजन की कमी, अत्यधिक भीड़, मौसम परिवर्तन और हिमस्खलन।
ग्लोबल वार्मिंग: एवरेस्ट के ग्लेशियर तेज़ी से पिघल रहे हैं।
कचरा: पर्वतारोहियों द्वारा छोड़ा गया कचरा (प्लास्टिक, ऑक्सीजन सिलेंडर, टेंट आदि)।
सफाई अभियान: नेपाल सरकार और कई गैर सरकारी संगठन समय-समय पर सफाई अभियान चलाते हैं।
एवरेस्ट की ऊँचाई हर साल कुछ मिलीमीटर बढ़ रही है।
एवरेस्ट पर चढ़ाई में औसतन 6 से 9 हफ्ते लगते हैं।
हर साल सैकड़ों लोग चढ़ाई करते हैं, लेकिन यह बहुत जोखिमभरा होता है।
एवरेस्ट बेस कैंप भी एक प्रसिद्ध ट्रेकिंग डेस्टिनेशन है।