भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों को हमारी समृद्ध संस्कृति, गौरवशाली इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम की अमूल्य धरोहर को दर्शाते हैं। ये प्रतीक देश की एकता, विविधता और सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक हैं, जो हर भारतीय के गर्व और सम्मान से जुड़े हुए हैं। भारत का राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रगान, राष्ट्रीय पशु, राष्ट्रीय पक्षी, राष्ट्रीय फूल जैसे प्रतीक हमारे देश की पहचान को संजोए हुए हैं। आइए, इन्हें विस्तार से जानते हैं।
रचयिता: बंकिम चंद्र चटर्जी
कविता से लिया गया: आनंदमठ उपन्यास
महत्व: स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह गीत क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणा स्रोत राष्ट्रीय प्रतीकों बना।
भारतीय राष्ट्रीय प्रतीक हमारे देश की संस्कृति, इतिहास, परंपरा और गौरवशाली विरासत के सजीव प्रतीक हैं। ये प्रतीक भारत की एकता, अखंडता और विविधता को दर्शाते हैं और प्रत्येक भारतीय के हृदय में देशभक्ति की भावना को जगाते हैं। राष्ट्रीय प्रतीक न केवल हमारे राष्ट्र की पहचान हैं, बल्कि वे हमारे गौरव और सम्मान के प्रतीक भी हैं।
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा भारत की स्वतंत्रता, बलिदान और एकता का प्रतीक है। इसका केसरिया रंग साहस और त्याग को दर्शाता है, सफेद रंग शांति और सच्चाई का प्रतीक है, और हरा रंग हरियाली और समृद्धि को प्रकट करता है। ध्वज के बीच में स्थित अशोक चक्र धर्म, प्रगति और सतत विकास का प्रतीक है।
राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ भारत की प्राचीन सभ्यता और न्यायप्रियता को दर्शाता है। चार शेरों वाला यह स्तंभ शक्ति, साहस, गर्व और आत्मविश्वास का प्रतीक (राष्ट्रीय प्रतीकों) है।
राष्ट्रीय गान “जन गण मन” भारत की विविधता में एकता को दर्शाता है और प्रत्येक भारतीय को एक सूत्र में बांधता है।
राष्ट्रीय पशु बाघ शक्ति और भव्यता का प्रतीक है, जबकि राष्ट्रीय पक्षी मोर सुंदरता और गरिमा को प्रकट करता है। राष्ट्रीय वृक्ष वटवृक्ष दीर्घायु और स्थिरता का प्रतीक है।
इन सभी राष्ट्रीय प्रतीकों के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विरासत, आदर्श और मूल्य प्रकट होते हैं। हमें इन प्रतीकों का सम्मान करना चाहिए और उनके महत्व को समझते हुए अपने राष्ट्र के विकास में योगदान देना चाहिए। ये प्रतीक हमें अपनी जड़ों से जोड़ते हैं और हमें एक सशक्त, सशक्त और एकजुट भारत के निर्माण के लिए प्रेरित करते हैं।