संविधान (Constitution) किसी भी देश का सर्वोच्च कानून होता है, जो सरकार की संरचना, शक्तियों, कर्तव्यों और नागरिकों के अधिकारों को परिभाषित करता है। भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जिसे 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। यह संविधान विभिन्न देशों के संविधानों से प्रेरित है और इसमें कई महत्वपूर्ण विशेषताएँ शामिल हैं। इस लेख में हम भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताओं और उनके मूल स्रोतों की चर्चा करेंगे।
संविधान की प्रमुख विशेषताएँ और उनके स्रोत
1. लिखित एवं विस्तृत संविधान
भारतीय संविधान एक लिखित दस्तावेज है, जिसमें 470 अनुच्छेद, 25 भाग और 12 अनुसूचियाँ शामिल हैं। यह दुनिया का सबसे विस्तृत संविधान है, जिसमें विभिन्न विषयों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है।
🔹 स्रोत – अमेरिका, फ्रांस और आयरलैंड के संविधानों से प्रेरणा ली गई।
2. संघात्मक व्यवस्था (Federal Structure)
भारत एक संघात्मक (संघीय) देश है, जिसमें केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन किया गया है। संविधान की सातवीं अनुसूची में विषयों को तीन सूचियों – केंद्रीय सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में बांटा गया है।
🔹 स्रोत – अमेरिका और कनाडा के संविधानों से प्रेरित।
3. संसदीय शासन प्रणाली (Parliamentary System)
भारत में संसदीय शासन प्रणाली अपनाई गई है, जिसमें राष्ट्रपति नाममात्र का प्रमुख होता है, जबकि वास्तविक कार्यकारी शक्ति प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के पास होती है।
🔹 स्रोत – ब्रिटेन का संविधान।
4. मौलिक अधिकार (Fundamental Rights)
संविधान में नागरिकों को छह मौलिक अधिकार दिए गए हैं –
समानता का अधिकार
स्वतंत्रता का अधिकार
शोषण के विरुद्ध अधिकार
धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
संस्कृति और शिक्षा का अधिकार
संवैधानिक उपचारों का अधिकार
🔹 स्रोत – अमेरिका का संविधान (Bill of Rights)।
5. राज्य के नीति निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy – DPSP)
संविधान में सामाजिक-आर्थिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए राज्य के नीति निदेशक तत्व शामिल किए गए हैं। यह राज्य को कल्याणकारी नीतियाँ बनाने के निर्देश देते हैं।
🔹 स्रोत – आयरलैंड का संविधान।
6. एकात्मक झुकाव वाला संघवाद (Quasi-Federalism)
भारत का संघीय ढांचा मजबूत केंद्र के साथ बनाया गया है। संविधान केंद्र को कुछ विशेष परिस्थितियों में राज्यों पर नियंत्रण रखने की शक्ति देता है, जैसे – आपातकालीन स्थिति।
🔹 स्रोत – कनाडा का संविधान।
7. स्वतंत्र न्यायपालिका (Independent Judiciary)
संविधान में न्यायपालिका को स्वतंत्र बनाया गया है ताकि यह सरकार के किसी भी दबाव में न आ सके। सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों को विशेष शक्तियाँ दी गई हैं।
🔹 स्रोत – अमेरिका का संविधान।
8. मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties)
1976 में 42वें संविधान संशोधन द्वारा नागरिकों के लिए 11 मौलिक कर्तव्यों को जोड़ा गया।
🔹 स्रोत – सोवियत संघ (रूस) का संविधान।
9. आपातकालीन प्रावधान (Emergency Provisions)
संविधान में तीन प्रकार के आपातकाल का प्रावधान किया गया है –
राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352)
राज्य आपातकाल (अनुच्छेद 356)
वित्तीय आपातकाल (अनुच्छेद 360)
🔹 स्रोत – जर्मनी (वीमर संविधान)।
10. एकल नागरिकता (Single Citizenship)
भारत में सभी नागरिकों के लिए एकल नागरिकता का प्रावधान किया गया है।
🔹 स्रोत – ब्रिटेन का संविधान।
11. न्यायिक पुनरावलोकन (Judicial Review)
संविधान के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों को यह अधिकार दिया गया है कि वे किसी भी कानून की संवैधानिकता की समीक्षा कर सकते हैं।
🔹 स्रोत – अमेरिका का संविधान।
12. स्वतंत्र चुनाव आयोग (Independent Election Commission)
भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग का गठन किया गया है।
🔹 स्रोत – अमेरिका और कनाडा का संविधान।
13. पंचायती राज और नगर पालिका (Local Self Government)
संविधान के 73वें और 74वें संशोधन द्वारा ग्रामीण और शहरी स्तर पर स्वशासन की व्यवस्था की गई।
🔹 स्रोत – आयरलैंड और ब्रिटेन।
14. संविधान का लचीलापन और कठोरता (Flexibility and Rigidity)
संविधान संशोधन के लिए विशेष प्रक्रिया बनाई गई है, जो इसे लचीला और कठोर दोनों बनाती है।
🔹 स्रोत – अमेरिका (कठोर) और ब्रिटेन (लचीला)।
15. सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता (Social Justice and Secularism)
संविधान में सभी धर्मों को समान सम्मान देने और धर्मनिरपेक्षता की नीति अपनाई गई है।
🔹 स्रोत – फ्रांस का संविधान।
निष्कर्ष
भारतीय संविधान विभिन्न देशों के संविधानों से प्रेरित होकर बनाया गया है, जिससे यह एक अद्वितीय और संतुलित दस्तावेज बन गया। इसकी विशेषताएँ इसे एक सशक्त, लोकतांत्रिक और जनकल्याणकारी संविधान बनाती हैं। भारतीय संविधान न केवल नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को सुनिश्चित करता है, बल्कि शासन प्रणाली की स्थिरता भी बनाए रखता है।